कृषि विज्ञान केन्द्र, अरवल में दो दिवसीय किसान मेला-सह-प्रदर्शनी का आयोजन
कृषि विज्ञान केन्द्र, लोदीपुर, अरवल के प्रांगण में अनुसूचित जाति उप-योजना के अंतर्गत 14 एवं 15 मार्च 2024 को दो दिवसीय किसान मेला-सह-प्रदर्शनी 2024 का आयोजन किया गया है । आज दिनांक 14 मार्च 2024 को पहले दिन दीप प्रज्ज्वलित कर किसान मेला-सह-प्रदर्शनी 2024 का शुभ-उद्घाटन माननीय कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर डॉ0 दुनिया राम सिंह जी के कर कमलों से किया गया । मौके पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ0 आर0 के0 सोहाने, भा0कृ0अनु0प0-अटारी, ज़ोन-4, पटना के प्रधान वैज्ञानिक डॉ0 धर्मवीर सिंह, अग्रणी जिला प्रबंधक, पंजाब नेशनल बैंक, अरवल, उप-परियोजना निदेशक, आत्मा, अरवल, जिला मतस्य पदाधिकारी, अरवल, जिला गव्य विकास पदाधिकारी अरवल एवं जिला के अन्य कृषि संबंधित विभागों के अधिकारी सहित केन्द्र की वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ0 अनीता कुमारी ने कृषकों को संबोधित किया ।
उक्त मेले में स्टॉल के माध्यम से विभिन्न नई तकनीकों एवं यंत्रों से कृषकों को अवगत कराया गया जिसके अंतर्गत सुधा (कॉमफेड), कृषि विज्ञान केन्द्र, अरवल के गृह विज्ञान, पौधा संरक्षण, उद्यान एवं पशुपालन, जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम, पान अनुसंधान केन्द्र, महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पाद एवं सभी कृषि संबंधित विभागों के स्टॉल शामिल थे तथा उद्यान प्रदर्शनी भी लगाई गई । कुल 900 कृषकों ने मेले के प्रथम दिन भाग लिया ।
मौके पर डॉ0 अनीता कुमारी, वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान ने कृषि विज्ञान केन्द्र, अरवल में चल रहे अनुसूचित जाति उप-योजना, पाँच गावों में चल रहे जलवायु अनुकोल कृषि कार्यक्रम, अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्षण, समूह अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्षण, कुपोषण उन्मूलन कार्यक्रम के बारे में कृषकों को विस्तार से बताया । तत्पश्चात जिला गव्य विकास पदाधिकारी अरवल के द्वारा विभिन्न योजना एवं उपयोजना के बारे में चर्चा किया गया । मतस्य विभाग के पदाधिकारी ने मछली उत्पादन से संबंधित सरकार की योजनाओं का जिक्र किया जिसके अंतर्गत बायोफ्लाक विधि से मछली उत्पादन कर किसान अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं । उद्यान पदाधिकारी ने गर्मी मौसम में मूंग और हरी खाद की खेती करने की सलाह दिया । अरवल जिले के अग्रणी बैंक प्रबंधक ने खेती से संवंधित किसान क्रेडिट कार्ड साथ ही साथ खेती से उद्याग सृजन में बैंको के योगदान के बारे में विस्तार से बताया । पान अनुसंधान केन्द्र, इस्लामपुर के प्रभारी ने फसल विविधीकरण के तहत मुख्य फसल के साथ साथ औषधीय पौधों के अन्तर्वर्तीय फसल के रूप में खेती कर के अतिरिक्त आय बढ़ाने के बारे में बताया । प्रधान वैज्ञानिक डॉ0 धर्मवीर सिंह ने किसानों को मेले में लगे प्रदर्शनियों के माध्यम से कृषकों को नए-नए तकनीकों को अपनाने पर जोड़ दिया । निदेशक प्रसार शिक्षा ने विश्वविद्यालय के तकनीकों को किसानों के दरवाजे तक पहुंचाने के लिए टोल फ्री नंबर 18003456455 के बारे में किसानों को बताया जिसके माध्यम से किसान अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं । माननीय कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में किसानों की आय बढ़ाने हेतु उपयोगी सुझाव दिए जिसमे अरवल जिले में खरीफ मौसम में मक्का उत्पादन की अपार संभावना है जिससे एथेनॉल का उत्पादन कर किसान बेहतर आमदनी प्राप्त कर सकते है। साथ ही साथ उन्होंने अरवल किसानों को फल – फूल, सब्जी, देशी कुक्कुट पालन के मार्केटिंग को पटना मार्केट से जोड़ने की बात पर बल दिया । उन्होंने पोषक वाटिका में साग-सब्जियों के साथ-साथ औषधीय पाधों को लगाने पर जोड़ दिया । साथ ही उन्होंने किसानों से यह आग्रह किया कि अपने बच्चों को मेडिकल-इंजीनियरिंग की भीड़ में न भेज कर कृषि शिक्षा की तरफ झुकाव को बढ़ावा दें ताकि रोजगार लेने वाला नहीं रोजगार सृजन करने वाला बने। साथ ही उन्होंने कृषकों को FPO से जुडने के लिए प्रेरित किया । साथ ही उन्होंने जिले में जई फसल का क्षेत्र बढ़ाने पर जोड़ दिया।
उक्त कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र, जहानाबाद के वैज्ञानिक, पान अनुसंधान केन्द्र, इस्लामपुर के वैज्ञानिक तथा केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ0 उदाय प्रकाश नारायण, डॉ0 कविता डालमिया, श्री अजय कुमार दास के द्वारा तकनीकि सत्र महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी गई । उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में केन्द्र के कर्मीगण यथा श्री प्रशांत कुमार सिन्हा, श्री कुंदन कुमार, श्रीमती कुमारी ज्योति, श्री श्याम सुंदर राम, श्री अशोक दास एवं श्री रंजन कुमार दास की महत्वपूर्ण भूमिका रही
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